राजस्थान का सामान्य परिचय
ऋग्वेद में राजस्थान को ब्रह्मवर्त कहा गया है, जबकि वाल्मीकि ने रामायण में इसे मरूकांतार के नाम से संबोधित किया है। ‘मुहणौत नैणसी री ख्यात’ नामक ग्रंथ में भी राजस्थान शब्द का उल्लेख मिलता है।
सन् 1800 ईस्वी में जॉर्ज थॉमस ने सबसे पहले राजपूताना शब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद कर्नल जेम्स टॉड ने अपने ग्रंथों में राजस्थान, रजवाड़ा और रायथान जैसे शब्दों का उपयोग किया।
राजस्थान शब्द का पहला प्रमाण हमें विक्रम संवत 682 (625 ईस्वी) के बसंतगढ़ (सिरोही) अभिलेख में मिलता है। यह अभिलेख माघ के पितामह राजा श्रीवर्मल के समय का है। इसमें राजस्थान शब्द का प्रयोग “राजाओं के निवास स्थान” के रूप में किया गया है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राजस्थान नाम का उपयोग पहली बार 25 मार्च 1948 को, एकीकरण के दूसरे चरण के दौरान किया गया। बाद में भारत सरकार ने 26 जनवरी 1950 (छठे चरण) में इस राज्य का आधिकारिक नाम राजस्थान घोषित किया।
1. स्थिति
राजस्थान की स्थिति को समझने के लिये निम्न बिन्दुओं को समझना आवश्यक है :-
- अक्षांश रेखा (Latitude Line) : ग्लोब पर पूर्व से पश्चिम के मध्य खींची गई काल्पनिक रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है।
- अक्षांश (Latitude) : भूमध्य रेखा/विषुवत् रेखा (0° अक्षांश) से उत्तर एवं दक्षिण के मध्य की कोणीय दूरी अक्षांश कहलाती है।
नोट : अक्षांश रेखाएँ पूर्व से पश्चिम के मध्य खींची जाती हैं, लेकिन ये रेखाएँ किसी भी भौतिक प्रदेश के उत्तर एवं दक्षिण का निर्धारण करती है।
- ग्लोब पर कुल अक्षांश रेखाओं की संख्या 179 हैं जबकि कुल अक्षांशों की संख्या 181 हैं।
- दो अक्षांश रेखाओं के मध्य का क्षेत्र कटिबंध/जोन कहलाता है।
- अक्षांश रेखाएँ किसी भी स्थान की स्थिति एवं जलवायु का निर्धारण करती हैं।
नोट : राज्य में कर्क रेखा बाँसवाड़ा के मध्य (कुशलगढ़ -तहसील) से गुजरती है तथा डूँगरपुर की दक्षिणी सीमा (चिखली गाँव) बनाती है।
- राज्य में कर्क रेखा के नजदीक जिला मुख्यालय : बाँसवाड़ा, डूँगरपुर
- राज्य में कर्क रेखा से दूर जिला मुख्यालय : श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़
देशांतर रेखा (Longitude Line)
ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण के मध्य खींची गई काल्पनिक रेखा देशांतर रेखा कहलाती है।
देशांतर (Longitude)
ग्रीनविच रेखा (0० देशांतर) से पूर्व एवं पश्चिम के मध्य की कोणीय दूरी देशांतर कहलाती है।
नोट: देशांतर रेखाएँ उत्तर से दक्षिण के मध्य खींची जाती हैं, लेकिन ये रेखाएँ किसी भी भौतिक प्रदेश के पूर्व एवं पश्चिम का निर्धारण करती हैं।
- ग्लोब पर कुल देशांतर रेखाओं की संख्या 360 हैं।
- दो देशांतर रेखाओं के मध्य का क्षेत्र गोरे कहलाता है।
- देशांतर रेखाओं के द्वारा समय का निर्धारण किया जाता हैं।
- 0० देशांतर/ग्रीनविच रेखा से पूर्व दिशा की ओर जाने पर समय बढ़ता है जबकि पश्चिम दिशा की ओर जाने पर समय घटता है।
1° देशांतर = 4 मिनट
- राज्य के धौलपुर एवं जैसलमेर में सूर्योदय एवं सूर्यास्त का अंतराल 35 मिनट, 8 सेकण्ड होता हैं।
प्रश्न 1. 30० पूर्वी देशांतर पर समय 6 A.M. है तो 90० पूर्वी देशांतर पर समय क्या होगा?
उत्तर- 10 A.M.
1° देशांतर = 4 मिनट होते हैं, तो 60° देशांतर बराबर 60 x 4 = 240 मिनट होंगे।
240 मिनट = 4 घंटे
पूर्व दिशा की ओर जाने पर समय बढ़ता है तो इस 6 AM में 4 घंटे जुड़ जायेंगे तो समय 10 AM हो जायेगा।
प्रश्न 2. 80० पूर्वी देशांतर पर समय 11 A.M. है तो 120° पूर्वी देशांतर पर समय होगा?
उत्तर- 1.40 P.M.
प्रश्न 3. 130° पूर्वी देशांतर पर समय 4 A.M. है तो 60° पूर्वी देशांतर पर समय होगा?
उत्तर- 11.20 P.M.
इस आधार पर 70 x 4 = 280 मिनट (4.40 घंटे)
इसमें समय को घटाना है क्योंकि यह पश्चिम की ओर आ रहा है।
प्रश्न 4. 20° पश्चिमी देशांतर पर समय 9 P.M. है तो 80° पश्चिमी देशांतर पर समय होगा?
उत्तर- 5 P.M.
प्रश्न 5. 110० पश्चिमी देशांतर पर समय 6 P.M. है तो 90° पश्चिमी देशांतर पर समय होगा?
उत्तर- 7.20 P.M.
इस प्रश्न में 110° पश्चिमी देशान्तर से 90° पश्चिमी देशान्तर की ओर पूछा गया है। इस कारण इसमें पश्चिम से पूर्व की ओर जाने के कारण समय को जोड़ा जायेगा।
प्रश्न 6. 50° पूर्वी देशांतर पर समय 7 P.M. है तो कितने डिग्री पूर्वी देशांतर पर समय 10 PM होगा?
उत्तर- 95° पूर्वी देशांतर
प्रश्न 7. 90° पूर्वी देशांतर पर समय 5 A.M. है तो कितने डिग्री पूर्वी देशांतर पर समय 4 AM होगा?
उत्तर- 75° पूर्वी देशांतर
प्रश्न 8. 40° पश्चिमी देशांतर पर समय 2 P.M. है तो कितने डिग्री पश्चिमी देशांतर पर समय 12 PM होगा?
उत्तर- 70° पश्चिमी देशांतर
प्रश्न 9. 80० पश्चिमी देशांतर पर समय 5 A.M. है तो कितने डिग्री पश्चिमी देशांतर पर समय 7 AM होगा?
उत्तर- 50° पश्चिमी देशांतर
प्रश्न 10. 20° पश्चिमी देशांतर पर समय 3 P.M. है तो 20० पूर्वी देशांतर पर समय होगा?
उत्तर- 5.40 PM
11. धौलपुर जिला राजस्थान के पूर्व में स्थित है जो 78° पूर्वी देशांतर पर स्थित है, यहाँ सूर्य उदय 5.55 AM पर होता है, तो बताइए राज्य के पश्चिम दिशा में स्थित जैसलमेर जो कि 70° पूर्वी देशांतर पर स्थित है, यहाँ सूर्य उदय कब होगा?
उत्तर-
⇒ 78°-70° = 8°
⇒ 8 ✕ 4 = 32 मिनट
⇒ 5.55 AM + 32 मिनट = 6:27 AM
- राज्य में कुल 9 देशांतर रेखाएँ एवं 7 अक्षांश रेखाएँ गुजरती है।
- राज्य की मध्यवर्ती देशांतर रेखा 74° पूर्वी देशांतर रेखा है जबकि मध्यवर्ती अक्षांश रेखा 27° उत्तरी अक्षांश है। यह दोनों रेखाएँ एक-दूसरे को नागौर जिले में काटती है, इस कारण राज्य का मध्यवर्ती जिला नागौर है।
- राज्य का मध्यवर्ती गाँव - लाम्पोलाई, मेड़ता (नागौर)
- राज्य का अक्षांशीय विस्तार 23°03' उत्तरी अक्षांश से 30°12' उत्तरी अक्षांश के मध्य विस्तारित है।
- राज्य का अक्षांशीय अंतराल 7°9'
- राज्य का देशांतरीय विस्तार 69°30' पूर्वी देशांतर से 78°17' पूर्वी देशांतर के मध्य विस्तारित है।
- राज्य का देशांतरीय अंतराल - 8°47'
- राज्य की उत्तर से दक्षिण की लम्बाई - 826 km
- राज्य की पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई - 869 km इसका अंतराल 43 km है।
राजस्थान/भारत का विस्तार
सूर्य की किरणों की राजस्थान में निरपेक्ष स्थिति
- सूर्य की सर्वाधिक सीधी किरणों वाला जिला बाँसवाड़ा है।
- सर्वाधिक तिरछी किरणों वाला जिला गंगानगर है।
विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता जाता है। सूर्य की तिरछी किरणें धरातल के अधिक स्थान को घेरती है एवं लम्बी दूरी तय करके आती है अतः उस स्थान को अपेक्षाकृत कम गर्म कर पाती है बजाय की सीधी किरणों के।
- राजस्थान का सबसे गर्म दिन, बड़ा दिन, सबसे छोटी रात-21 जून है।
- 21 जून को उत्तरी आयनांत या कर्क संक्रांति कहते हैं।
- 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है।
- राजस्थान का सबसे छोटा दिन, सबसे बड़ी रात- 22 दिसम्बर है।
- रात व दिन की अवधि बराबर 21 मार्च और 23 सितम्बर को होती है।
- सर्वप्रथम सूर्योदय व सूर्यास्त सिलाना गाँव (धौलपुर) में होता है।
- सबसे अन्त में सूर्योदय व सूर्यास्त कटरा गाँव (सम तहसील जैसलमेर) में होता है।
- पृथ्वी को एक देशान्तर पार करने में लगा समय 4 मिनट है।
- राजस्थान के पूर्वी व पश्चिमी छोर के बीच सूर्योदय का अंतर 35 मिनट 8 सेकण्ड का है।
- राजस्थान की आकृति: इर्रेगुलर राम्बोइड/रोम्बस/विषमकोणीय/चतुर्भुजाकार/पतंगाकार
- राज्य की आकृति को विषमकोणीय चतुर्भुजाकार सर्वप्रथम T.H. हेंडले ने कहा।
- राजस्थान का कुल क्षेत्रफल : 3,42,239 वर्ग किमी.
वर्ग मील में : 1,32,139 वर्ग मील
- सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला जिला: जैसलमेर (38401 वर्ग किमी.)
वर्ग मील : 14826 वर्ग मील
II. राजस्थान का विस्तार
- 1. अंतर्राष्ट्रीय सीमा
- 2. अन्तर्राज्यीय सीमा
1. अंतर्राष्ट्रीय सीमा
- रेडक्लिफ रेखा : भारत : पाकिस्तान
- निर्धारण- अगस्त, 1947
- कुल लम्बाई- 3310/3323 km
- रेडक्लिफ रेखा पर 02 केन्द्रशासित प्रदेश एवं 03 राज्य स्थित है:
- 02 केन्द्रशासित प्रदेश- जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख़
- 03 राज्य- पंजाब, राजस्थान, गुजरात
- रेडक्लिफ रेखा पर सर्वाधिक सीमा : राजस्थान (1070 km)
- रेडक्लिफ रेखा पर सबसे कम सीमा : गुजरात (510 km)
- रेडक्लिफ रेखा में राजस्थान का प्रतिशतः 32.32%
- रेडक्लिफ रेखा में गुजरात का प्रतिशत : 15.4%
- राजस्थान में शुरूआत- हिन्दूमल कोट (श्रीगंगानगर)
- अन्तिम बिन्दु- बाखासर, (बाड़मेर)
राज्य के अंतर्राष्ट्रीय सीमा निर्धारण करने वाले 4 जिले निम्न हैं-
1. जैसलमेर (43.3%) - 464 किमी.
2. बाड़मेर (21.3%) - 228 किमी.
3. श्रीगंगानगर (19.6%) - 210 किमी.
4. बीकानेर (15.7%) - 168 किमी.
- सर्वाधिक सीमा निर्धारण जैसलमेर जबकि कम बीकानेर करता है।
- केवल अंतरराष्ट्रीय सीमा बनाने वाले जिले है- बीकानेर, जैसलमेर
- अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमा बनाने वाले जिले - 02
जैसे -
(1) श्रीगंगानगर
- पंजाब
- पाकिस्तान
(2) बाड़मेर
- गुजरात
- पाकिस्तान
- रेडक्लिफ पर स्थित जिलों में सबसे नजदीक जिला मुख्यालय - श्रीगंगानगर।
- रेडक्लिफ पर स्थित जिलों में दूर जिला मुख्यालय - बीकानेर
- रेडक्लिफ से दूर जिला मुख्यालय - धौलपुर
- पाकिस्तान के 9 जिले राजस्थान के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं। राज्य के साथ सर्वाधिक सीमा निर्धारण बहावलनगर तथा कम उमरकोट करता है।
पाकिस्तान के कुल 06 जिले जैसलमेर के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं- बहावलपुर, रहीमयार खाँ, घोटकी, सुक्कुर, खैरपुर, संघर
केवल जैसलमेर के साथ 04 जिले सीमा का निर्धारण: रहीमयार खाँ, घोटकी, सुक्कुर, खैरपुर
- बाड़मेर के साथ कुल 03 जिले सीमा का निर्धारण: संघर, उमरकोट, थारपारकर
- केवल बाड़मेर के साथ 02 जिले सीमा निर्धारण : उमरकोट, थारपारकर
पाकिस्तान के 03 जिले निम्न जिलों के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं।
1. बहावलनगर
- श्रीगंगानगर
- बीकानेर
2. बहावलपुर
- बीकानेर
- जैसलमेर
3. संघर
- जैसलमेर
- बाड़मेर
राज्य में रेडक्लिफ रेखा का राजस्थान की कुल स्थलीय सीमा का 18.07% है।
2. अंतर्राज्यीय सीमा
राजस्थान 5 राज्यों के साथ सीमा निर्धारण करता है:
- i. मध्य प्रदेश - 1600 km
- ii. हरियाणा - 1262 km
- iii. गुजरात - 1022 km
- iv. उत्तर प्रदेश - 877 km
- v. पंजाब - 89 km
राजस्थान-अन्तर्राज्यीय सीमा
राजस्थान की अन्तर्राज्यीय सीमा पाँच पड़ोसी भारतीय राज्यों के साथ लगती है। ये राज्य उत्तर से दक्षिण-पश्चिम की ओर इस प्रकार हैं:
- पंजाब: उत्तर में
- हरियाणा: उत्तर-पूर्व में
- उत्तर प्रदेश: पूर्व में
- मध्य प्रदेश: दक्षिण-पूर्व में (यह राजस्थान के साथ सबसे लंबी अंतरराज्यीय सीमा साझा करता है)
- गुजरात: दक्षिण-पश्चिम में
राजस्थान कुल 4850 किलोमीटर की अंतरराज्यीय सीमा साझा करता है।
(i) राजस्थान तथा मध्य प्रदेश
- राजस्थान के निम्न 10 जिले मध्य प्रदेश के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं:- धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, कोटा, बाराँ, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, बाँसवाड़ा।
- मध्यप्रदेश के निम्न 10 जिले राजस्थान के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं: मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, आगरमालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ।
| राजस्थान + MP | MP + राजस्थान | |
|---|---|---|
| सर्वाधिक सीमा निर्धारण | झालावाड़ | नीमच |
| कम सीमा निर्धारण | भीलवाड़ा | झाबुआ |
| नजदीक जिला मुख्यालय | धौलपुर | मंदसौर |
| दूर जिला मुख्यालय | भीलवाड़ा | रतलाम |
- उपर्युक्त तालिका के अनुसार, झालावाड़ मध्य प्रदेश के साथ सर्वाधिक सीमा का निर्धारण करता है जबकि नीमच राजस्थान के साथ सर्वाधिक सीमा का निर्धारण करता है।
- उपर्युक्त तालिका के अनुसार मध्यप्रदेश के नजदीक राज्य का जिला मुख्यालय धौलपुर है जबकि राजस्थान के नजदीक जिला मुख्यालय मंदसौर है।
(ii) राजस्थान तथा हरियाणा
- राजस्थान के निम्न 8 जिले हरियाणा के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं:- हनुमानगढ़, चूरू, झुँझुनूँ, सीकर, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, अलवर, डीग।
- हरियाणा के निम्न 7 जिले राजस्थान के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं:- सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात/नूह।
| राजस्थान + हरियाणा | हरियाणा + राजस्थान | |
|---|---|---|
| सर्वाधिक सीमा निर्धारण | हनुमानगढ़ | महेन्द्रगढ़ |
| कम सीमा निर्धारण | अलवर | फतेहाबाद |
| नजदीक जिला मुख्यालय | कोटपूतली | महेन्द्रगढ़ |
| दूर जिला मुख्यालय | चूरू | भिवानी |
(iii) राजस्थान तथा गुजरात
राजस्थान के निम्न 6 जिले गुजरात के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं:- बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, डूँगरपुर, बाँसवाड़ा।
गुजरात के निम्न 6 जिले राजस्थान के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं:- कच्छ का रन, बनासकांठा, साबरकाठा, अरावली, माहीसागर, दाहोद।
| राजस्थान + गुजरात | गुजरात + राजस्थान | |
|---|---|---|
| सर्वाधिक सीमा निर्धारण | उदयपुर | बनासकांठा |
| कम सीमा निर्धारण | बाड़मेर | कच्छ का रन |
| नजदीक जिला मुख्यालय | जालौर | बनासकांठा |
| दूर जिला मुख्यालय | बाड़मेर | कच्छ का रन |
(iv) राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश
- राजस्थान के निम्न 3 जिले उत्तरप्रदेश के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं- डीग, भरतपुर, धौलपुर
- उत्तर प्रदेश के निम्न 2 जिले राजस्थान के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं- मथुरा, आगरा
| राजस्थान + UP | UP + राजस्थान | |
|---|---|---|
| सर्वाधिक सीमा निर्धारण | भरतपुर | आगरा |
| कम सीमा निर्धारण | डीग | मथुरा |
| नजदीक जिला मुख्यालय | डीग | मथुरा |
| दूर जिला मुख्यालय | धौलपुर | आगरा |
(v) राजस्थान तथा पंजाब
राजस्थान के निम्न 2 जिले पंजाब के साथ सीमा का निर्धारणं करते हैं:- श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़
पंजाब के निम्न 2 जिले राजस्थान के साथ सीमा का निर्धारण करते हैं:- फाजिल्का, मुक्तसर
| राजस्थान + पंजाब | पंजाब + राजस्थान | |
|---|---|---|
| सर्वाधिक सीमा निर्धारण | श्रीगंगानगर | फाजिल्का |
| कम सीमा निर्धारण | हनुमानगढ़ | मुक्तसर |
| नजदीक जिला मुख्यालय | श्रीगंगानगर | फाजिल्का |
| दूर जिला मुख्यालय | हनुमानगढ़ | मुक्तसर |
- राजस्थान में कुल जिलों की संख्या- 41
- राज्य के सीमावर्ती जिले- 27
- राज्य के अन्तर्वर्ती जिले 14 है, जो निम्न है-
- डीडवाना-कुचामन, नागौर, जोधपुर, बालोतरा, पाली, ब्यावर, राजसमंद, बूँदी, टोंक, दौसा, सलूम्बर, अजमेर, फलौदी, जयपुर।
- अन्तर्राज्यीय जिले - 25
- केवल अन्तर्राज्यीय जिले - 23
- इसमें निम्न 2-जिलों को शामिल नहीं करते है क्योंकि ये दोनों जिले अन्तर्राष्ट्रीय तथा अन्तर्राज्यीय दोनों प्रकार की सीमा का निर्धारण करते है। जैसे- श्रीगंगानगर, बाड़मेर
- राज्य के ऐसे जिले जो केवल एक ही राज्य के साथ सीमा का निर्धारण करते है-19 जिले।
इसमें निम्न 4-जिलों को शामिल नहीं करते है क्योंकि ये 4-जिले दो-दो राज्यों के साथ सीमा का निर्धारण करते है।
(i) हनुमानगढ़
- पंजाब
- हरियाणा
(ii) डीग
- हरियाणा
- उत्तर प्रदेश
(iii) धौलपुर
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
(iv) बाँसवाड़ा
- मध्य प्रदेश
- गुजरात
सर्वाधिक 7 जिलों के साथ सीमा निर्धारण करने वाले जिलों की संख्या 4 है जो निम्न है- जयपुर, पाली, नागौर, चित्तौड़गढ़।
(i) जयपुर सीमा निर्धारित करता है-
अलवर, दौसा, टोंक, अजमेर, डीडवाना-कुचामन, सीकर, कोटपूतली-बहरोड़।
(ii) पाली सीमा निर्धारित करता है-
ब्यावर, जोधपुर, राजसमंद, उदयपुर, सिरोही, जालौर, बालोतरा।
(iii) नागौर सीमा निर्धारित करता है-
डीडवाना-कुचामन, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर, फलौदी, बीकानेर, चूरू।
(iv) चितौड़गढ़ सीमा निर्धारित करता है-
भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बूंदी, कोटा।
कम जिलों के साथ सीमा निर्धारण करने वाले जिलों की संख्या 8 है, जो दो-दो जिलों के साथ सीमा निर्धारित करते है: जैसे-
1. श्रीगंगानगर
- हनुमानगढ़
- बीकानेर
2. झुन्झुनूँ
- चूरू
- सीकर
3. खैरथल-तिजारा
- कोटपूतली बहरोड़
- अलवर
4. डीग
- अलवर
- भरतपुर
5. धौलपुर
- भरतपुर
- करौली
6. बारां
- कोटा
- झालावाड़
7. झालावाड़
- कोटा
- बारां
8. बांसवाड़ा
- डूंगरपुर
- प्रतापगढ़
सर्वाधिक तथा कम जिलों के साथ सीमा निर्धारण करने वाले जिले
राजस्थान संभागीय व्यवस्था
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की सर्वप्रथम शुरूआत 30 मार्च, 1949 को हीरालाल शास्त्री के द्वारा राजस्थान एकीकरण के चौथे चरण में की गई।
तत्कालीन राजस्थान संघ में 5 संभाग (जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर) व 25 जिले थे।
अप्रैल, 1962 में मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाड़िया ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया था।
26 जनवरी, 1987 को मुख्यमंत्री श्री हरिदेव जोशी ने राज्य संभागीय व्यवस्था को फिर से शुरू किया तथा इस समय अजमेर को छठा संभाग बनाया गया।
इसके बाद 4 जून, 2005 को मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के द्वारा 7वाँ संभाग भरतपुर को बनाया गया।
इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 मार्च, 2023 को 3 नए संभाग (सीकर, पाली, बांसवाड़ा) बनाने की घोषणा की गई जिसको 7 अगस्त, 2023 को प्रभावी कर दिया गया था। इस कारण राज्य में 10 संभाग हो गये थे जो निम्न थे-
- जोधपुर
- बीकानेर
- अजमेर
- उदयपुर
- जयपुर
- कोटा
- भरतपुर
- पाली
- बाँसवाड़ा
- सीकर
लेकिन इसके बाद ललित के. पंवार समिति की सिफारिश पर भजनलाल सरकार ने 3 नए संभागों (सीकर, पाली, बांसवाड़ा) को 29 दिसंबर, 2024 की प्रभावी अधिसूचना के अनुसार निरस्त कर दिया गया, इस कारण वर्तमान में 7 संभाग है जो निम्न है-
1. जयपुर संभाग- 1. जयपुर, 2. झुँझुनुँ, 3. सीकर, 4. कोटपूतली-बहरोड, 5. दौसा, 6. खैरथल-तिजारा, 7. अलवर।
- सर्वाधिक साक्षरता, सर्वाधिक जनसंख्या, सर्वाधिक जनघनत्व वाला संभाग, सर्वाधिक अनुसूचित जनसंख्या संभाग।
- यह आंतरिक तथा बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
2. जोधपुर संभाग- 1. जोधपुर, 2. पाली, 3. फलौदी, 4. जैसलमेर, 5. बाड़मेर, 6. बालोतरा, 7. जालौर, 8. सिरोही।
- सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाला संभाग (692 km)
- सर्वाधिक जनसंख्या दशकीय वृद्धि वाला संभाग
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग
- सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला संभाग
- सर्वाधिक शुष्क संभाग
- यह संभाग आंतरिक तथा अरब सागर अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
3. बीकानेर संभाग- 1. बीकानेर, 2. श्रीगंगानगर, 3. हनुमानगढ़, 4. चूरू।
- यह संभाग 378 km अंतर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करता है।
नोट- राज्य के 2 संभाग अंतर्राराष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करते हैं- जोधपुर, बीकानेर।
- सबसे कम नदियों वाला संभाग
- यह केवल आंतरिक अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
4. उदयपुर संभाग- 1. उदयपुर, 2. चित्तौड़गढ़, 3. प्रतापगढ़, 4. राजसमंद, 5. सलूम्बर, 6. बाँसवाड़ा, 7. डूँगरपुर।
- यह अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
- सर्वाधिक लिंगानुपात संभाग
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति प्रतिशत संभाग
- सबसे कम अनुसूचित जाति संभाग
- यह केवल अरब सागर अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
5. कोटा संभाग- 1. कोटा, 2. बूँदी, 3. बाराँ, 4. झालावाड़।
- सबसे कम जनसंख्या वाला संभाग
- सर्वाधिक वर्षा वाला संभाग
- सर्वाधिक नदियों वाला संभाग
- सर्वाधिक आर्द्रता वाला संभाग
- यह केवल बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
6. अज़मेर संभाग- 1. अजमेर, 2. ब्यावर, 3. भीलवाड़ा, 4. टोंक, 5. नागौर, 6. डीडवाना-कुचामन
- राज्य का मध्यवर्ती संभाग
- सर्वाधिक संभागों के साथ सीमा का निर्धारण
- यह तीनों अपवाह तंत्र का भाग रखता है।
7. भरतपुर संभाग- 1. भरतपुर, 2. धौलपुर, 3. करौली, 4. डीग, 5. सवाई माधोपुर।
- यह 3 राज्यों के साथ सीमा का निर्धारण (हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश) करता है।
- न्यूनतम लिंगानुपात वाला संभाग
- यह बंगाल की खाड़ी तथा आंतरिक अपवाह तंत्र का भाग रखता
राजस्थान के जिलों का निर्माण
- 26वाँ जिला - अजमेर - 1 नवम्बर, 1956
- 27वाँ जिला - धौलपुर - 15 अप्रैल, 1982
- 28वाँ जिला - बाराँ - 10 अप्रैल, 1991
- 29वाँ जिला - दौसा - 10 अप्रैल, 1991
- 30वाँ जिला - राजसमंद - 10 अप्रैल, 1991
- 31वाँ जिला - हनुमानगढ़ - 12 जुलाई, 1994
- 32वाँ जिला करौली - 19 जुलाई, 1997
- 33वाँ जिला प्रतापगढ़ - 26 जनवरी, 2008
नवीन जिलों के पुनर्गठन से पूर्व बड़े व छोटे जिले क्षेत्रफल के अनुसार (जनगणना 2011 के अनुसार)-
| बड़े जिले (अवरोही क्रम) | छोटे जिले (आरोही क्रम) |
|---|---|
| जैसलमेर, 38401 वर्ग कि.मी. | धौलपुर, 3033 वर्ग कि.मी. |
| बीकानेर, 30247 वर्ग कि.मी. | दौसा, 3432 वर्ग कि.मी. |
| बाड़मेर, 28387 वर्ग कि.मी. | डूँगरपुर, 3770 वर्ग कि.मी. |
- राजस्थान से 128 देश छोटे हैं।
- राजस्थान से 128 देश छोटे हैं।
- राजस्थान- ब्रिटेन से 1½ गुणा बड़ा है।
- राजस्थान श्रीलंका से 5 गुणा बड़ा है।
- राजस्थान नेपाल से 2½ गुणा बड़ा है।
- राजस्थान इज़राइल से 17 गुणा बड़ा है। फिलिस्तीन को मान्यता दें तो 13 गुणा।
- जर्मनी और जापान के लगभग बराबर है।
- राजस्थान चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना बड़ा है।
- कोटा व चित्तौड़गढ़, मध्य प्रदेश से दो तरफ से सीमा बनाते हैं।
- चित्तौड़गढ़ विखण्डित जिला है जो मध्य प्रदेश के साथ दो बार सीमा बनाता है।
- कोटा अविखण्डित जिला है जो मध्य प्रदेश से दो बार सीमा बनाता है।
- मध्य प्रदेश का नीमच जिला तीन ओर से राजस्थान से घिरा हुआ है।
राजस्थान के जिलों के उपनाम
जैसलमेर
- राजस्थान की स्वर्ण नगरी
- राजस्थान का अण्डमान
- पंखों की नगरी
- पीले पत्थरों का शहर
- रेगिस्तान का गुलाब
- झरोखों की नगरी
- म्यूजियम सिटी
- हवेलियों का शहर
जोधपुर
- सूर्य नगरी
- सन सिटी
- राजस्थान की ब्लू सिटी
बीकानेर
- ऊन का घर
- राती घाटी
- जांगल प्रदेश
नागौर
- राजस्थान की धातु नगरी
- औजारों की नगरी
- अहिच्छत्रपुर
हनुमानगढ़
- फलों की टोकरी
अजमेर
- राजपूताना की कुँजी
- भारत का मक्का
- अण्डों की टोकरी
जयपुर
- राजस्थान की राजधानी
- राजस्थान का पेरिस
- हैरिटेज सिटी
- रत्न नगरी
- पन्ना नगरी
- पिंक सिटी
अलवर
- राजस्थान का स्कॉटलैण्ड
झुंझुनू
- तांबा नगरी
भरतपुर
- जाट रियासत
धौलपुर
- रेड डायमंड सिटी
- कोठी
- राज. का पूर्वी प्रवेश द्वार
भीलवाड़ा
- राजस्थान का मैनचेस्टर
- वस्त्र नगरी
- टैक्सटाइल सिटी
- अभ्रक मण्डी
सिरोही (माउंट आबू)
- राजस्थान का शिमला
- राजस्थान का बर्खीयां
उदयपुर
- झीलों की नगरी
- एशिया का वियना
- तस्तरीनुमा बेसिन में बसा हुआ शहर
- राजस्थान का कश्मीर
- मेवाड़
- मेदपाट
- प्रागवाट
- फाउन्टेन का शहर
- जिंक नगरी
डूंगरपुर/बांसवाड़ा
- पहाड़ों की नगरी
बांसवाड़ा
- सौ द्वीपों का शहर
- आदिवासियों का नगर
- राजस्थान का चेरापूँजी
प्रतापगढ़
- छप्पन का मैदान
कोटा
- राजस्थान का कानपुर
- औद्योगिक नगरी
- राज. की शिक्षा नगरी
- उद्यानों का घर
- इन्द्रप्रस्थ नगर
- राज. का नालन्दा
झालावाड़
- राजस्थान का चेरापूँजी
- श्रीगंगानगर - राज्य का अन्न कटोरा
- भीलवाड़ा - वस्त्र नगरी, अभ्रक नगरी, (टेक्सटाइल्स सिटी)
- जैसलमेर - झरोखों की नगरी, पंखों की नगरी
- उदयपुर - झीलों की नगरी, तश्तरीनुमा आकृति बेसिन शहर, एशिया का वियना, जिंक नगरी, पूर्व का वेनिस ।
- जयपुर - पन्ना नगरी, आईलैण्ड ऑफ ग्लोरी, पूर्व का पेरिस
- कोटा - औद्योगिक नगरी, आर्थिक राजधानी, राजस्थान का नालन्दा, उद्यानों और बगीचों का शहर।
- अजमेर - राजस्थान का मक्का, अण्डों की टोकरी।
- धौलपुर - रेड डायमंड
- माउंट आबू (सिरोही) - राजस्थान का शिमला, बर्खीयांस्क
- झालावाड़ - राजस्थान का नागपुर, चेरापूँजी
- झुंझुनूँ - ताँबा नगरी
- बाँसवाड़ा - आदिवासियों का शहर
- नागौर - धातु नगरी, औजारों का शहर
राजस्थान की प्रमुख विशेषताओं का अखिल भारत से तुलनात्मक विवरण निम्न प्रकार है (जनगणना 2011 के आधार पर) -
| सूचक | वर्ष | इकाई | राजस्थान | भारत |
|---|---|---|---|---|
| भौगोलिक क्षेत्रफल | 2011 | लाख वर्ग कि.मी. | 3.42 | 32.87 |
| जनसंख्या | 2011 | करोड़ | 6.85 | 121 |
| दशकीय वृद्धि दर | 2001-2011 | प्रतिशत | 21.3 | 17.7 |
| जनसंख्या घनत्व | 2011 | जनसंख्या प्रति वर्ग कि.मी. | 200 | 382 |
| कुल जनसंख्या व शहरी जनसंख्या का प्रतिशत | 2011 | प्रतिशत | 24.9 | 31.1 |
| अनुसूचित जाति की जनसंख्या | 2011 | प्रतिशत | 17.8 | 16.6 |
| अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या | 2011 | प्रतिशत | 13.5 | 8.6 |
| लिंगानुपात | 2011 | महिलाएँ प्रति हजार पुरुष | 928 | 943 |
| बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष) | 2011 | बालिकाएँ प्रति हजार बालक | 888 | 919 |
| साक्षरता दर | 2011 | प्रतिशत | 66.1 | 73 |
| साक्षरता दर (पुरुष) | 2011 | प्रतिशत | 79.2 | 80.9 |
| साक्षरता दर (महिला) | 2011 | प्रतिशत | 52.1 | 64.6 |
| कार्य सहभागिता दर | 2011 | प्रतिशत | 43.6 | 39.8 |
| अशोधित जन्मदर | 2019* | प्रति हजार मध्य-वर्ष जनसंख्या | 23.7 | 19.7 |
| अशोधित मृत्युदर | 2019* | प्रति हजार मध्य-वर्ष जनसंख्या | 5.7 | 6 |
| शिशु मृत्यु दर | 2019* | प्रति हजार जीवित जन्म | 35 | 30 |
| मातृ मृत्यु अनुपात | 2016-18* | प्रति लाख जीवित जन्म | 164 | 113 |
| जन्म के समय जीवन प्रत्याशा | 2014-18* | वर्ष | 68.7 | 69.4 |
| भौगोलिक स्थिति | 23°03' एवं 30°12' उत्तरी अक्षांश 69°30' एवं 78°17' पूर्वी देशांतर के मध्य |
|---|---|
| क्षेत्रफल | 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (देश के भूगोलिक क्षेत्र का 10.4 प्रतिशत, भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य) |
| सबसे कम क्षेत्रफल वाला जिला | धौलपुर (3033 वर्ग किलोमीटर) |
| सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला जिला | जैसलमेर (38401 वर्ग किलोमीटर) |
| कुल जनसंख्या (जनगणना-2011 के अनुसार) | 6,85,48,437 (भारत की जनसंख्या का 5.66 प्रतिशत, देश में 7वां स्थान) |
| शहरी क्षेत्र की जनसंख्या | 1,70,48,085 (राज्य की जनसंख्या का 24.9 प्रतिशत) |
| ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या | 5,15,00,352 (राज्य की जनसंख्या का 75.1 प्रतिशत) |
| पुरुष | 3,55,50,997 |
| महिला | 3,29,97,440 |
| सबसे कम जनसंख्या वाला जिला | जैसलमेर (6,69,919) |
| सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला | जयपुर (66,26,178) |
| 0-6 वर्ष तक आयु की जनसंख्या | 1,06,49,504 (राज्य की जनसंख्या का 15.5 प्रतिशत) |
| बालक | 56,39,176 |
| बालिका | 50,10,328 |
| जनसंख्या में दशकिय वृद्धि दर (2001-2011) | 21.30 |
| सबसे कम दशकिय वृद्धि वाला जिला | श्रीगंगानगर (10.0) |
| सबसे अधिक दशकिय वृद्धि वाला जिला | बाड़मेर (32.5) |
| जनसंख्या घनत्व | 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर |
| सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला जिला | जैसलमेर (17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर) |
| सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला | जयपुर (595 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर) |
| स्त्री-पुरुष अनुपात | 928 स्त्रियाँ प्रति एक हजार पुरुष |
| न्यूनतम स्त्री-पुरुष अनुपात वाला जिला | धौलपुर (846) |
| सर्वाधिक स्त्री-पुरुष अनुपात वाला जिला | डूंगरपुर (994) |
| 0-6 वर्ष तक आयु वर्ग का अनुपात | 888 बालिकाएँ प्रति एक हजार बालक |
| न्यूनतम अनुपात वाला जिला (0-6 वर्ष) | झुंझुनूँ (837 बालिकाएँ प्रति एक हजार बालक) |
| सर्वाधिक अनुपात वाला जिला (0-6 वर्ष) | बांसवाड़ा (934 बालिकाएँ प्रति एक हजार बालक) |
| जयपुर जिले का अनुपात (0-6 वर्ष) | 861 बालिकाएँ प्रति एक हजार बालक |
राजस्थान में नये जिलों का गठन और पुनर्गठन
रामलुभाया समिति -
- गठन- मार्च, 2022
- अध्यक्ष - रामलुभाया (पूर्व IAS)
- उद्देश्य - नये जिलों के निर्माण के लिए
इस समिति की सिफारिश पर 19 नए जिले बनाए गये थे जो निम्न हैं:
- अनूपगढ़
- बालोतरा
- ब्यावर
- डीग
- डीडवाना-कुचामन
- दूदू
- गंगापुर सिटी
- जयपुर
- जयपुर ग्रामीण
- जोधपुर
- जोधपुर ग्रामीण
- केकड़ी
- कोटपूतली-बहरोड़
- खैरथल-तिजारा
- नीम का थाना
- फलौदी
- सलूम्बर
- सांचौर
- शाहपुरा।
इस प्रकार 19 नये जिले बनाने के कारण प्रदेश में कुल 50 जिले हो गये थे।
ललित के. पंवार समिति -
- गठन - जून, 2024
- अध्यक्ष - ललित के. पंवार
- उद्देश्य - गहलोत सरकार में बने जिलों तथा संभागों की समीक्षा के लिए गठित की गई।
- इस समिति का गठन भजनलाल सरकार के द्वारा किया गया।
- इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रिमंडलीय उपसमिति को प्रस्तुत की है।
मंत्रिमण्डलीय उपसमिति:
- इस समिति के संयोजक मदन दिलावर
- सदस्य: राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कन्हेयालाल चौधरी, हेमंत मीणा, सुरेश सिंह रावत
- इस समिति ने अपनी समीक्षा क्षेत्र में 17 जिलों को शामिल किया गया जिसमें 8 जिलों (फलौदी, सलूम्बर, ब्यावर, बालोतरा, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग) को यथावत रखा जबकि निम्न 9 जिलों को निरस्त कर दिया गया - सांचौर, शाहपुरा, केकड़ी, दूदू, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, अनूपगढ़, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण है।
- इसी समिति की सिफारिश पर निम्न 3 संभागों को भी निरस्त कर दिया गया: सीकर, पाली, बांसवाड़ा।
नवीनतम जिलों के गठन तथा पुनगर्ठन से सम्बन्धित जानकारी
राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 (1956 का अधिनियम संख्या 15) की धारा 15 एवं 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा इस सम्बन्ध में जारी पूर्व अधिसूचनाओं के आंशिक अधिक्रमण में राज्य सरकार एतद् द्वारा निम्न प्रकार आदेश प्रदान करती है -
1. डीडवाना-कुचामन
नागौर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला डीडवाना-कुचामन गठित किया जाता है।
मिनी सचिवालय भवन के तैयार होने तक मुख्यालय अस्थाई रूप से डीडवाना रहेगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं -
- लाडनूं
- डीडवाना
- मौलासर
- छोटी खाटू
- मकराना
- कुचामन सिटी
- परबतसर
- नावां
2. फलौदी
जोधपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला फलौदी गठित किया जाता है जिसका मुख्यालय फलौदी होगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं -
- नौख
- बाप
- घंटियाली
- फलौदी
- आऊ
- आऊ
- लोहावट
- बापिणी
- देचू
- सेतरावा
3. डीग
भरतपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला डीग गठित किया जाता है जिसका मुख्यालय डीग होगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं-
- पहाड़ी
- जुरहरा
- कामाँ
- सीकरी
- डीग
- नगर
- जनूथर
- कुम्हेर
- रारह
4. खैरथल-तिजारा
अलवर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला खैरथल-तिजारा गठित किया जाता है। जिसका मुख्यालय खैरथल होगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं-
- टपूकड़ा
- कोटकासिम
- मुंडावर
- हरसोली
- तिजारा
- किशनगढ़बास
- खैरथल
5. कोटपूतली- बहरोड़
जयपुर एवं अलवर जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला कोटपूतली- बहरोड़ गठित किया जाता है।
मिनी सचिवालय भवन के तैयार होने तक मुख्यालय अस्थाई रूप से कोटपूतली रहेगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं-
- माढण
- नीमराणा
- बहरोड
- कोटपूतली
- बानसूर
- पावटा
- नारायणपुर
- विराटनगर
6. बालोतरा
बाड़मेर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला बालोतरा गठित किया जाता है। जिसका मुख्यालय बालोतरा होगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं-
- गिड़ा
- बायतु
- पंचपदरा
- कल्याणपुर
- समदड़ी
- सिवाना
- सिणधरी
7. ब्यावर
अजमेर, पाली, भीलवाड़ा जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला ब्यावर गठित किया जाता है जिसका मुख्यालय ब्यावर होगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं-
- जैतारण
- रायपुर
- ब्यावर
- मसूदा
- टाडगढ़
- बदनौर
- विजयनगर
8. संलूम्बर
उदयपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला सलूम्बर गठित किया जाता है जिसका मुख्यालय सलूम्बर होगा।
इसमें निम्न तहसीले हैं-
- सराड़ा
- लसाड़िया
- सलूम्बर
- सेमारी
- झल्लारा
संलग्न जिलों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है-
नोट- विद्यार्थी इन जिलों का राजस्थान के राजनैतिक मैप पर अभ्यास करें
- श्रीगंगानगर - हनुमानगढ़, बीकानेर, (02)
- हनुमानगढ़ - श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू (03)
- बीकानेर - श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, फलौदी, जैसलमेर (06)
- जैसलमेर - बीकानेर, फलौदी, जोधपुर, बालोतरा, बाड़मेर (05)
- सिरोही - जालौर, पाली, उदयपुर (03)
- बाड़मेर - जैसलमेर, बालोतरा, जालौर (03)
- उदयपुर - सिरोही, पाली, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सलूम्बर, डूंगरपुर (06)
- डूंगरपुर - उदयपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बाँसवाडा (04)
- बाँसवाडा - डूंगरपुर, प्रतापगढ़ (02)
- चूरू - हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर, डीडवाना-कुचामन, सीकर, झुंझुनूँ (06)
- झुंझुनू - चूरू, सीकर, (02)
- सीकर - चूरू, झुंझुनूँ, जयपुर, डीडवाना-कुचामन (04)
- कोटपूतली-बहरोड़ - सीकर, जयपुर, अलवर, खैरथल-तिजारा (04 जिले)
- खैरथल-तिजारा - कोटपूतली-बहरोड, अलवर (02 जिले)
- अलवर - कोटपूतली-बहरोड, खैरथल, डीग, भरतपुर, दौसा, जयपुर (06 जिले)
- डीग - अलवर, भरतपुर (02 जिले)
- भरतपुर - डीग, अलवर, दौसा, करौली, धौलपुर (05 जिले)
- धौलपुर - भरतपुर, करौली (02 जिले)
- करौली - धौलपुर, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर (04 जिले)
- सवाईमाधोपुर - करौली, दौसा, टोंक, बूँदी, कोटा (05 जिले)
- कोटा - सवाईमाधोपुर, बूँदी, चित्तौड़, झालावाड़, बाराँ (05 जिले)
- बाराँ - कोटा, झालावाड़ (02 जिले)
- झालावाड - कोटा, बाराँ (02 जिले)
- भीलवाडा - अजमेर, टोंक, ब्यावर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, बूँदी (06 जिले)
- चित्तौड़गढ़ - भीलवाडा, राजसमंद, उदयपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बूँदी, कोटा (07 जिले)
- प्रतापगढ़ - चित्तौड़गढ़, सलूम्बर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा (04 जिले)
- फलौदी - बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर (04 जिले)
- बालोतरा - जोधपुर, पाली, जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर (05 जिले)
- जालौर - बालोतरा, पाली, सिरोही, बाडमेर (04 जिले)
- पाली - ब्यावर, जोधपुर, राजसमंद, उदयपुर, सिरोही, जालौर, बालोतरा (07 जिले)
- राजसमंद - ब्यावर, भीलवाडा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, पाली (05 जिले)
- ब्यावर - अजमेर, भीलवाडा, राजसमंद, पाली, जोधपुर, नागौर (06 जिले)
- नागौर - डीडवाना-कुचामन, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर, फलौदी, बीकानेर, चूरू (07 जिले)
- डीडवाना-कुचामन - सीकर, जयपुर, अजमेर, नागौर, चूरू (05 जिले)
- अजमेर - डीडवाना-कुचामन, जयपुर, टोंक, ब्यावर, नागौर (05 जिले)
- टोंक - जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, अजमेर (06 जिले)
- दौसा - अलवर, भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, जयपुर (06 जिले)
- बूँदी - टोंक, सवाईमाधोपुर, कोटा, भीलवाडा, चित्तौड़गढ़ (05 जिले)
- सलूम्बर - उदयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर (04 जिले)
- जयपुर - अलवर, दौसा, टोंक, अजमेर, डीडवाना-कुचामन, सीकर, कोटपुतली-बहरोड़ (07 जिले)
- जोधपुर - नागौर, फलौदी, जैसलमेर








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